Munawwar Rana Death: मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार (14 जनवरी) को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया |

Munawwar Rana Death: मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार (14 जनवरी) को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया |

मुनव्वर राणा का रविवार (14 जनवरी) को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 71 वर्ष के थे. उन्होंने लखनऊ के पीजीआई में अंतिम सांस ली

कौन है मुनावर राणा ?

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय उनके बहुत से नजदीकी रिश्तेदार और पारिवारिक सदस्य देश छोड़कर पाकिस्तान  चले गए। लेकिन साम्प्रदायिक तनाव के बावजूद मुनव्वर राना के पिता ने अपने देश में रहने को ही अपना कर्तव्य माना। मुनव्वर राना की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा कोलकाता (नया नाम कोलकाता) में हुई। राना ने ग़ज़लों के अलावा संस्मरण भी लिखे हैं।

मुनव्वर राना की अब तक एक दर्जन से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें प्रमुख हैं :

  • माँ
  • ग़ज़ल गाँव
  • पीपल छाँव
  • बदन सराय
  • नीम के फूल
  • सब उसके लिए
  • घर अकेला हो गया
  • कहो ज़िल्ले इलाही से
  • बग़ैर नक़्शे का मकान
  • फिर कबीर
  • नए मौसम के फूल

पुरस्कार एवं सम्मान

  • अमीर ख़ुसरो अवार्ड 2006,
  • कविता का कबीर सम्मान उपाधि 2006,
  • मीर तक़ी मीर अवार्ड 2005
  • शहूद आलम आफकुई अवार्ड 2005,
  • ग़ालिब अवार्ड 2005, उदयपुर
  • डॉ॰ जाकिर हुसैन अवार्ड 2005, नई दिल्ली
  • सरस्वती समाज अवार्ड 2004
  • मौलाना अब्दुर रज्जाक़ मलीहाबादी अवार्ड 2001 (वेस्ट बंगाल उर्दू अकादमी )
  • सलीम जाफरी अवार्ड 1997
  • दिलकुश अवार्ड 1995
  • रईस अमरोहवी अवार्ड 1993,
  • भारती परिषद पुरस्कार,
  • हुमायूँ कबीर अवार्ड,
  • बज्मे सुखन अवार्ड,
  • इलाहाबाद प्रेस क्लब अवार्ड,
  • हज़रत अलमास शाह अवार्ड
  • सरस्वती समाज पुरस्कार 2004
  • अदब अवार्ड 2004
  • मीर अवार्ड
  • मौलाना अबुल हसन नदवी अवार्ड
  • उस्ताद बिस्मिल्लाह खान अवार्ड
  • कबीर सम्मान

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